लखनऊ, 24 मई . जब बेटियों की कहानियां केवल कल्पना नहीं, समाधान का मार्ग बन जाएं, तब वे समाज की चेतना को स्वर देने लगती हैं. उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता के लिए चार केजीबीवी की छात्राओं की कहानियाँ श्रेष्ठतम के रूप में चयनित हुई हैं.
बेटियों की इन रचनाओं में पर्यावरणीय चिंता, समाधान की सोच और रचनात्मक अभिव्यक्ति का अद्भुत समन्वय देखने को मिला है. चयनित विद्यालयों को राज्य स्तर पर शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा, जो न केवल इन बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगा बल्कि शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल भी स्थापित करेगा.
इस राज्यव्यापी कहानी लेखन प्रतियोगिता में 580 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं. मूल्यांकन के बाद 18 श्रेष्ठ कहानियां चयनित की गईं, जिनमें से चार विद्यालयों को राज्य स्तरीय शीर्ष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. इन विद्यालयाें में प्रथम पुरस्कार के लिए केजीबीवी मुरादनगर गाज़ियाबाद,
द्वितीय पुरस्कार के लिए केजीबीवी गौंरा कानपुर देहात, तृतीय पुरस्कार के लिए केजीबीवी मुफ्तीगंज जौनपुर और चतुर्थ पुरस्कार के लिए केजीबीवी देवा बाराबंकी शामिल हैं.
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा अब केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से उन्हें इस दिशा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाना आवश्यक है. ऐसे आयोजन न केवल उनकी सोच को विस्तार देते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में भी मार्गदर्शन करते हैं.
दरअसल, प्रदेश के सभी उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मीना मंच के ज़रिये किशोरियों में जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, पोषण और जीवन कौशल पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 28 सितम्बर 2024 से आयोजित ऑनलाइन जागरूकता सत्रों की श्रृंखला 15 फ़रवरी 2025 को पूरी हुई. इस दौरान डॉ. अनीता भटनागर जैन (सेवानिवृत्त आईएएस) के मार्गदर्शन में हुए हुए विभिन्न संवादों ने छात्राओं को विषयगत शोध, चर्चा और रचनात्मक टास्क के माध्यम से लिखने के लिए प्रेरित किया. कहानियों में बालिकाओं ने पर्यावरणीय समस्या, समाधान और संवेदना के स्वर के साथ अपनी कल्पना, रचनात्मकता और पर्यावरणीय चेतना के रंगों से भविष्य की धरती का चित्र खींचा है.
580 कहानियों में से 18 उत्कृष्ट चयनित हुईं
प्रदेश भर से कुल 580 से अधिक कहानियां प्राप्त हुईं, जिनका विशेषज्ञों के एक पैनल ने मूल्यांकन किया. अंतिम रूप से 18 उत्कृष्ट कहानियां चयनित की गईं, जिन्हें विभिन्न स्कूलों में बच्चों के सामने प्रस्तुत किया गया ताकि वे अपने विचार साझा कर सकें और प्रेरणा ले सकें. इन पुरस्कार विजेता छात्राओं को प्रख्यात बाल साहित्यकार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. अनीता भटनागर जैन की हस्ताक्षरित पुस्तक ‘कुक्करू’ भेंट की जाएगी, जो बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने में सहायक मानी जाती है.
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/ बृजनंदन
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