कोलकाता, 1 जून . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोलकाता के राजारहाट में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की नई इमारत का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य एक पुख़्ता, सबूत-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना करना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिशा में तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी.
अमित शाह ने कहा, हमारी कोशिश है कि आपराधिक न्याय प्रणाली बहस आधारित नहीं बल्कि साक्ष्य आधारित हो. इससे न केवल दोषियों को संदेह का लाभ मिलने से रोका जा सकेगा बल्कि पीड़ितों को भी न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराधियों से दो कदम आगे रहकर जांच करना ज़रूरी है और इसमें आधुनिक तकनीक की अहम भूमिका है. उन्होंने बताया कि डीएनए सीक्वेंसिंग की मदद से 20 साल पुराने मामलों को सुलझाया गया है और फॉरेंसिक ऑडिट्स से कई आर्थिक अपराधों का खुलासा हुआ है.
गृह मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार देश में फॉरेंसिक विज्ञान सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए करीब 2,800 करोड़ रुपये की परियोजना ला रही है. इसके तहत 200 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय फॉरेंसिक डाटा केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की सहायता से विशाल डेटा विश्लेषण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पहल सबूत-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली को और मज़बूत बनाने में सहायक होगी.
अमित शाह आज कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक राजनीतिक सभा को भी संबोधित करने वाले हैं, जिसमें बंगाल भाजपा के सभी स्तरों के नेता मौजूद हैं. माना जा रहा है कि इस सभा में वे अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति का संकेत देंगे.
/ ओम पराशर
You may also like
ज्ञान परम्परा की विरासत है योग : प्रो ईश्वर शरण विश्वकर्मा
सबसे अधिक राजस्व मामले निस्तारित कर लखनऊ अव्वल, जनपदीय न्यायालयों में जौनपुर ने मारी बाजी
फतेहपुर के संतोष सुचारी को उत्कर्ष कार्य के लिए दो बार मिल चुका है राष्ट्रपति सम्मान
पुलिस ने की गैंगस्टर अभियुक्त की 15 लाख से अधिक की संपत्ति कुर्क
कोरोना के बढ़ते मामलाें से राजधानी में बढ़ी चिंता, इलाज के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार