जबलपुर/भोपाल, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सीरप के मामले में कटारिया फार्मास्यूटिकल के संचालक राजपाल कटारिया को उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है. उच्च न्यायालय ने दवा का लाइसेंस निरस्त किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है कि अपील राज्य सरकार के समक्ष पेश की जाए. इस निर्देश के साथ अदालत ने याचिका का निराकरण कर दिया है.
दरअसल, Madhya Pradesh में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन के बाद किडनी फेल होने से सितम्बर के महीने में 24 बच्चों की मौत हो गई थी. यह जहरीला कफ सिरप थोक व्यापारी राजपाल कटारिया की फर्म कटारिया फार्मास्यूटिकल से छिंदवाड़ा जिले में सप्लाई किया गया था. कटारिया की ओर से उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया था कि वे बीते कई सालों से दवाओं का थोक व्यापार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बेंगलुरु की सन फार्मा द्वारा निर्मित कोल्डड्रिफ कफ सिरप की आपूर्ति वे छिंदवाड़ा जिले में लंबे समय से कर रहे थे. याचिकाकर्ता ने बताया कि छिंदवाड़ा जिले में उक्त कफ सिरप पीने से मासूम बच्चों की मौत के बाद जबलपुर ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी ने 11 अक्टूबर को उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया था. इसी आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने यह याचिका दायर की थी.
कटारिया की ओर से लाइसेंस निरस्तीकरण के आदेश पर अंतरिम रोक (स्टे) लगाने की मांग भी की थी. Saturday को न्यामूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सुमित रघुवंशी ने अदालत को बताया कि ड्रग रूल्स, 1945 के नियम 66(2) के तहत लाइसेंस निरस्त होने की स्थिति में राज्य सरकार के समक्ष अपील दाखिल करने का प्रावधान है. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस अपील को राज्य सरकार के समक्ष रखा जाए. इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने मामले का पटाक्षेप कर दिया.
(Udaipur Kiran) तोमर
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