Tulsi Vastu Tips : हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। लगभग हर घर के आंगन या बालकनी में तुलसी का पौधा अवश्य दिख जाता है।
यह न केवल वातावरण को शुद्ध रखता है, बल्कि ऐसा माना जाता है कि जहाँ तुलसी होती है, वहाँ देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का वास होता है। हर साल तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर भक्तगण तुलसी माता को सजा-संवारकर उनका विवाह भगवान शालिग्राम से कराते हैं।
इस दिन तुलसी को नई चुनरी, गहने, पुष्प और भोग अर्पित किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं — तुलसी माता को हर रंग की चुनरी चढ़ाना शुभ नहीं होता?
अधिकतर लोग लाल रंग की चुनरी अर्पित करते हैं, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी का प्रिय रंग माना जाता है। मगर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी पर लाल चुनरी चढ़ाना गलत प्रभाव भी डाल सकता है।
तुलसी और ग्रहों का संबंध
तुलसी का सीधा संबंध बुध ग्रह से माना गया है। तुलसी की पत्तियों का रंग हरा होता है और यह बुध ग्रह का प्रतीक है। बुध ग्रह बुद्धि, संवाद, समृद्धि और संतुलन का कारक होता है। इसीलिए जब हम तुलसी की पूजा करते हैं, तो हम बुध की कृपा भी प्राप्त करते हैं।
लेकिन जब तुलसी को लाल चुनरी (जो मंगल ग्रह का रंग है) चढ़ाई जाती है, तो यह ग्रहों का टकराव पैदा करता है — क्योंकि मंगल और बुध एक-दूसरे के शत्रु ग्रह माने जाते हैं।
लाल चुनरी क्यों नहीं चढ़ानी चाहिए तुलसी पर?
लाल रंग मंगल का प्रतीक है और यह ऊर्जा, क्रोध और प्रतिस्पर्धा से जुड़ा होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अगर तुलसी (जो बुध से संबंधित हैं) को लाल रंग की चुनरी पहनाई जाती है, तो यह घर में विवाद, धन की हानि या तनाव जैसी स्थितियाँ पैदा कर सकती है।
कुछ पंडितों का कहना है कि तुलसी पर लाल चुनरी चढ़ाने से घर की महिला सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए इसे शुभ नहीं माना जाता।
तुलसी माता को कौन-से रंग की चुनरी चढ़ानी चाहिए?
अगर आप तुलसी माता को प्रसन्न करना चाहते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना चाहते हैं, तो चुनरी का रंग बहुत सोच-समझकर चुनें।
हरा रंग – यह बुध ग्रह का रंग है। यह संतुलन, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।
सफेद रंग – यह शांति और पवित्रता दर्शाता है। शुक्र ग्रह को भी यह रंग प्रिय है।
नीला रंग – शनि ग्रह का प्रिय रंग है। यह स्थिरता और मानसिक शांति देता है।
काला रंग – यह श्रीकृष्ण के श्याम स्वरूप से जुड़ा है। तुलसी विवाह में काली चुनरी चढ़ाना भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
इन रंगों की चुनरी अर्पित करने से घर में सकारात्मकता, सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।
तुलसी को वस्त्र अर्पित करने का शुभ समय और विधि
तुलसी को चुनरी या वस्त्र सुबह सूर्योदय के बाद अर्पित करना सबसे शुभ माना गया है। रविवार और एकादशी के दिन तुलसी माता को वस्त्र चढ़ाना निषिद्ध है।
पूजा से पहले तुलसी को गंगाजल या दूध से स्नान कराएं, फिर हल्दी, सिंदूर, रोली और पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अपनी श्रद्धा अनुसार हरे, नीले, सफेद या काले रंग की चुनरी उढ़ाएं।
चाहें तो तुलसी के पास शालिग्राम या श्रीकृष्ण की तस्वीर रखें — इससे तुलसी विवाह का पूर्ण फल मिलता है।
धार्मिक मान्यता और लाभ
तुलसी देवी लक्ष्मी माता का अवतार मानी जाती हैं, और उनका विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से होता है। तुलसी की नियमित पूजा से न केवल पाप नाश होता है, बल्कि घर में धन-धान्य, शांति और समृद्धि आती है।
सही रंग की चुनरी अर्पित करने से तुलसी पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए अगली बार जब आप तुलसी को सजाएं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चुनरी का रंग शुभ ग्रहों से मेल खाता हो।
तुलसी माता की पूजा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि घर की उन्नति और सुख-शांति का माध्यम है। लाल चुनरी भले सुंदर लगे, लेकिन यह तुलसी के लिए अशुभ मानी जाती है।
इसलिए तुलसी माता को हमेशा हरी, नीली, सफेद या काली चुनरी पहनाएं और उनकी कृपा से जीवन में समृद्धि प्राप्त करें।
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