Next Story
Newszop

अब नहीं रखना होगा मिनिमम बैलेंस! इन 5 बैंकों ने बदल दिए नियम, जानिए आप भी तो नहीं हैं ग्राहक?

Send Push

भारत के पांच प्रमुख सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को एक बड़ी सौगात दी है। अब आपको अपने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इन बैंकों ने एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) की अनिवार्यता को पूरी तरह खत्म कर दिया है, जिसका मतलब है कि अब कम बैलेंस होने पर भी कोई जुर्माना नहीं देना होगा। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो कम आय वाले परिवारों या ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। आइए, इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं कि कौन-कौन से बैंक इस पहल में शामिल हैं।

एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) क्या है?

एवरेज मंथली बैलेंस वह न्यूनतम राशि है जो आपको अपने बचत या चालू खाते में हर महीने बनाए रखनी होती थी। हर महीने के अंत में बैंक इस औसत राशि की गणना करता था, और अगर खाताधारक इस राशि को बनाए रखने में असफल रहता था, तो उसे जुर्माना देना पड़ता था। यह जुर्माना खाते के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता था। लेकिन अब, पांच प्रमुख बैंकों ने इस नियम को हटाकर ग्राहकों को वित्तीय बोझ से मुक्ति दी है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग सेवाएं अधिक सुलभ होंगी।

ग्राहकों के लिए राहत की सौगात

यह बदलाव न केवल ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे शहरों और कम आय वाले परिवारों के लिए यह निर्णय वरदान साबित होगा। अब लोग बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डर के बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे। चाहे आप वेतनभोगी हों, छोटे व्यवसायी हों या गृहिणी, यह कदम आपकी जेब पर पड़ने वाले अनावश्यक बोझ को कम करेगा।

कौन से हैं वो पांच बैंक? बैंक ऑफ बड़ौदा: नई शुरुआत

बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 जुलाई, 2025 से अपने सभी मानक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस पर लगने वाला शुल्क माफ कर दिया है। यानी अब अगर आपके खाते में बैलेंस कम है, तो आपको कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी। हालांकि, यह छूट प्रीमियम बचत खाता योजनाओं पर लागू नहीं है। यह कदम ग्राहकों को अधिक लचीलापन और वित्तीय आजादी देता है।

भारतीय स्टेट बैंक: पहला कदम

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इस दिशा में सबसे पहले कदम उठाया था। साल 2020 में ही एसबीआई ने न्यूनतम बैलेंस की शर्त को हटा दिया था। हाल ही में, एसबीआई के अध्यक्ष सीएस शेट्टी ने एक साक्षात्कार में बताया कि इस नीति से लाखों खाताधारकों को राहत मिली है। यह कदम न केवल ग्राहकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि बैंक की विश्वसनीयता को भी दर्शाता है।

केनरा बैंक: सभी के लिए राहत

केनरा बैंक ने मई 2025 में एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी प्रकार के बचत खातों—चाहे वह नियमित हो, वेतन खाता हो या एनआरआई खाता—के लिए न्यूनतम बैलेंस की शर्त को खत्म कर दिया। यह कदम ग्राहकों को बिना किसी अतिरिक्त चिंता के बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा।

इंडियन बैंक: समावेशी बैंकिंग

7 जुलाई, 2025 से इंडियन बैंक ने भी न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता को पूरी तरह हटा दिया है। बैंक ने सभी बचत खातों के लिए इस नियम को समाप्त करने की घोषणा की, जिससे ग्राहकों को वित्तीय लचीलापन मिलेगा। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो छोटी-छोटी बचत के साथ बैंकिंग करना चाहते हैं।

पंजाब नेशनल बैंक: ग्राहक पहले

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम बैलेंस पर जुर्माना हटाने का फैसला किया है। 1 जुलाई, 2025 से प्रभावी इस नीति का उद्देश्य महिलाओं, किसानों और कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता देना है। पीएनबी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “यह कदम ग्राहकों को तनावमुक्त बैंकिंग अनुभव प्रदान करने और अधिक समावेशी बैंकिंग प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।”

बैंक ऑफ इंडिया: बाजार के साथ कदम

बैंक ऑफ इंडिया ने भी बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस के जुर्माने को माफ कर दिया है। यह बदलाव बाजार की जरूरतों के साथ तालमेल बिठाने और ग्राहकों को अधिक मूल्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Loving Newspoint? Download the app now