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ओवेरियन कैंसर: महिलाओं में दिखने वाले लक्षण और समय रहते पहचान के उपाय

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महिलाओं की सेहत के लिए ओवेरियन कैंसर एक गंभीर खतरा है, लेकिन शुरुआती पहचान से इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह कैंसर अंडाशय में शुरू होता है और अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है। अच्छी खबर यह है कि शरीर कुछ शुरुआती संकेत देता है, जिन्हें समझकर आप सतर्क हो सकती हैं। आइए, जानते हैं कि ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्या हैं और इसे समय रहते कैसे पहचाना जा सकता है, ताकि आप और आपके प्रियजन सुरक्षित रहें।

ओवेरियन कैंसर क्या है?

ओवेरियन कैंसर तब होता है, जब अंडाशय की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह बीमारी शुरुआत में चुपके से बढ़ती है, जिसके कारण इसे अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर इसे शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है। महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए, खासकर तब, जब परिवार में कैंसर का इतिहास रहा हो।

शरीर में दिखने वाले शुरुआती लक्षण

ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य-सी समस्याओं जैसे लगते हैं, जिसके कारण इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। पेट में लगातार सूजन, भारीपन, या दर्द इसका एक प्रमुख संकेत हो सकता है। बार-बार पेशाब आने की जरूरत, खासकर अगर यह पहले से ज्यादा हो, भी एक लक्षण हो सकता है। इसके अलावा, भूख न लगना, जल्दी पेट भर जाना, या अनियमित मासिक धर्म भी चेतावनी के संकेत हैं। कुछ महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से में दर्द या थकान का अनुभव होता है, जो सामान्य नहीं है।

लक्षणों को नजरअंदाज न करें

ये लक्षण सामान्य बीमारियों जैसे लग सकते हैं, लेकिन अगर ये दो हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो इन्हें गंभीरता से लेना जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार दिखे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं या जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास हो, उन्हें नियमित जांच करानी चाहिए।

समय रहते पहचान का महत्व

ओवेरियन कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगना इलाज की सफलता को बढ़ाता है। डॉक्टर आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, सीए-125 ब्लड टेस्ट, या पेल्विक जांच जैसे टेस्ट की सलाह देते हैं। अगर बीमारी शुरुआती चरण में पकड़ ली जाए, तो सर्जरी और कीमोथेरेपी जैसे उपचारों से इसे पूरी तरह ठीक करने की संभावना रहती है। इसलिए, अपने शरीर के संकेतों को सुनना और समय पर कार्रवाई करना बेहद जरूरी है।

जोखिम को कम करने के उपाय

हालांकि ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ कदम जोखिम को कम कर सकते हैं। स्वस्थ आहार, जिसमें हरी सब्जियां, फल, और साबुत अनाज शामिल हों, अपनाएं। नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण भी मददगार हो सकता है। अगर आपके परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो जेनेटिक काउंसलिंग और टेस्टिंग के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचना भी जोखिम को कम करता है।

विशेषज्ञों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए। अगर आपको कोई असामान्य लक्षण दिखे, तो उसे सामान्य समझकर टालें नहीं। नियमित स्वास्थ्य जांच और गायनोकोलॉजिस्ट से परामर्श आपको सुरक्षित रख सकता है। खासकर, मेनोपॉज के बाद इन लक्षणों पर और ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

अपनी सेहत को दें प्राथमिकता

ओवेरियन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जागरूकता और समय पर जांच से इसे हराया जा सकता है। अपने शरीर के संकेतों को समझें, नियमित जांच करवाएं, और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। आपकी सेहत आपके हाथ में है, और थोड़ी सी सावधानी आपको एक स्वस्थ और लंबी जिंदगी दे सकती है।

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