Rohit Godara Gang Arrest : हरियाणा की एसटीएफ यूनिट ने रोहित गोदारा गैंग से जुड़े तीन बदमाशों को दबोच लिया है। पुलिस वालों ने बताया कि ये तीनों ही वो लोग थे, जिन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर गोलीबारी करने वालों को 3 लाख रुपये पहुंचाए थे।
इनमें सोनीपत के पिपली खेड़ा का रहने वाला हैप्पी, मयूर विहार गली नंबर 10 का हिमांशु और मुरथल रोड के विकास नगर का सुनील शामिल हैं। तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। अब पुलिस इनसे जमकर पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेश के मुताबिक, ये आरोपी बहादुरगढ़ के सदर थाने में 22 मई को दर्ज एक केस में फरार चल रहे थे। जांच के दौरान जो बातें सामने आईं, वो हैरान करने वाली हैं। राकेश ने बताया कि गैंगस्टर रोहित गोदारा के इशारे पर उसके साथी सोनीपत के मयूर विहार वाले अरुण और रोहतक के काहनी के रविंद्र ने 27 सितंबर 2025 को भिवानी से सीडीएम मशीन के जरिए हैप्पी के बैंक अकाउंट में 3 लाख रुपये जमा कराए थे।
ये पैसे गैंग की हरकतों और फायरिंग की प्लानिंग के लिए भेजे गए थे। हैप्पी ने अरुण के कहने पर ये रुपये दूसरे गैंग मेंबर्स सुनील और हिमांशु के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। फिर दोनों ने पैसे निकालकर अरुण और रविंद्र को सौंप दिए। वैसे तो अरुण और रविंद्र वही हैं, जो दिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में यूपी के एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
गैंग के फंडिंग नेटवर्क का काला कारोबार
एसटीएफ के इंस्पेक्टर राकेश ने और डिटेल्स शेयर कीं। उन्होंने कहा कि ये तीनों गिरफ्तार बदमाश लंबे वक्त से रोहित गोदारा गैंग के एक्टिव मेंबर्स थे। ये गैंग की फंडिंग और लॉजिस्टिक्स का जिम्मा संभालते थे। अभी तीनों से पूछताछ चल रही है और पुलिस इस केस में गैंग के पैसे के चैनल और नेटवर्क को उजागर करने में लगी हुई है। एसटीएफ की बहादुरगढ़ यूनिट पूरी तफ्तीश कर रही है, ताकि गैंग के बाकी साथियों और फाइनेंशियल सोर्स का भी पर्दाफाश हो सके।
मई की वो बड़ी कार्रवाई जो बनी लीड
बात यहीं खत्म नहीं होती। एसटीएफ बहादुरगढ़ ने 22 मई को थाना सदर एरिया में धमाकेदार ऐक्शन लिया था। उस वक्त गैंगस्टर रोहित गोदारा और विरेंद्र चारण के दो गुर्गों को बादली रोड से पकड़ा गया था। इनमें सौलधा का विजय और राजस्थान के धौलपुर का रामदत्त शामिल थे। दोनों के पास से देसी पिस्तौल और कारतूस जब्त हुए।
ये आरोपी राज्यों में अपराध फैलाने के लिए युवाओं को पैसे का लालच देकर गैंग में भर्ती कर रहे थे। पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसी जांच के दौरान सोनीपत के हैप्पी, हिमांशु और सुनील का नंबर लगा और इन्हें धर दबोचा गया।
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