बॉलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री अमीषा पटेल ने हाल ही में अपने करीबी दोस्त संजय दत्त और उनकी पत्नी मान्यता दत्त के साथ अपने खास रिश्ते का एक अनोखा किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि जब मान्यता के जुड़वां बच्चे, शाहरान और इकरा, पैदा हुए थे, तब संजय और मान्यता ने सभी दोस्तों को एक बेहद खास तोहफा दिया था। यह तोहफा था गीता और कुरान की एक-एक प्रति, जो उनके अंतरधार्मिक परिवार की एकता और प्रेम का प्रतीक था। अमीषा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने मान्यता की गोदभराई की मेजबानी की थी। आइए, इस दिल को छू लेने वाली कहानी को विस्तार से जानें।
मान्यता की गोदभराई में बनी यादें
अमीषा पटेल और संजय दत्त की दोस्ती बॉलीवुड में किसी से छिपी नहीं है। हाल ही में एक इंटरव्यू में अमीषा ने बताया कि जब मान्यता अपने जुड़वां बच्चों के साथ गर्भवती थीं, तब उन्होंने अपने घर पर एक शानदार बेबी शावर का आयोजन किया था। उस समय किसी को नहीं पता था कि मान्यता एक लड़के और एक लड़की को जन्म देंगी। इस खास मौके पर संजय दत्त, उनकी दोनों बहनें, और कई करीबी दोस्त शामिल हुए। अमीषा ने इस आयोजन को याद करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक अविस्मरणीय पल था, जहां प्यार और उत्साह से भरा माहौल था। यह उनके और दत्त परिवार के बीच गहरे रिश्ते की एक मिसाल है।
गीता और कुरान: एक अनोखा तोहफा
अमीषा ने अपने इंटरव्यू में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने बच्चों के जन्म के बाद मिले खास तोहफे का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि शाहरान और इकरा के जन्म के बाद, संजय और मान्यता ने सभी दोस्तों को गीता और कुरान की एक-एक प्रति भेंट की। यह तोहफा इसलिए खास था क्योंकि यह उनके अंतरधार्मिक परिवार की एकता को दर्शाता था। संजय, जो हुसैनी ब्राह्मण समुदाय से हैं, और मान्यता, जो मुस्लिम पृष्ठभूमि से हैं, ने इस तोहफे के जरिए धर्मों के बीच प्रेम और सम्मान का संदेश दिया। अमीषा ने इस जेस्चर को "खूबसूरत" बताते हुए कहा कि यह उनके लिए बेहद भावुक करने वाला पल था।
संजय-मान्यता का अंतरधार्मिक परिवार
संजय दत्त और मान्यता की शादी बॉलीवुड में अंतरधार्मिक रिश्तों की एक मिसाल है। संजय की मां, मशहूर अभिनेत्री नरगिस, मुस्लिम थीं, जबकि उनके पिता, सुनील दत्त, हिंदू थे। संजय ने अपने परिवार की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मान्यता से शादी की, जिनका मूल नाम दिलनवाज शेख था। शादी से पहले मान्यता ने आर्य समाज रीति-रिवाजों के तहत धर्म परिवर्तन किया था, ताकि उनकी शादी को कानूनी मान्यता मिल सके। बच्चों के जन्म पर गीता और कुरान का तोहफा उनके परिवार की इस खूबसूरत एकता का प्रतीक है। यह कहानी न केवल उनके निजी जीवन की गहराई को दिखाती है, बल्कि समाज को धार्मिक सौहार्द का संदेश भी देती है।
अमीषा और संजय की गहरी दोस्ती
अमीषा ने कई मौकों पर संजय दत्त के प्रोटेक्टिव और पजेसिव स्वभाव की तारीफ की है। उन्होंने बताया कि संजय उन्हें अपनी छोटी बहन की तरह मानते हैं और उनके लिए हमेशा अच्छा सोचते हैं। एक इंटरव्यू में अमीषा ने यह भी खुलासा किया कि संजय उनके लिए लड़का ढूंढकर उनकी शादी करवाने और कन्यादान करने की बात कहते हैं। यह उनकी दोस्ती की गहराई को दर्शाता है। अमीषा ने संजय के घर पर अपने जन्मदिन मनाने की यादें भी साझा कीं, जहां उन्हें सलवार-कमीज जैसे पारंपरिक कपड़े पहनने पड़ते हैं, क्योंकि संजय को उनका वेस्टर्न लुक पसंद नहीं। यह छोटे-छोटे किस्से उनकी दोस्ती को और खास बनाते हैं।
इस कहानी का महत्व
संजय और मान्यता का यह जेस्चर आज के समय में और भी प्रासंगिक है, जब धार्मिक मतभेद अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। गीता और कुरान का तोहफा न केवल उनके निजी विश्वासों की एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्यार और सम्मान किसी भी धर्म से ऊपर है। अमीषा का यह खुलासा उनके फैंस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह न केवल एक सेलिब्रिटी की निजी जिंदगी की झलक देता है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी देता है। अगर आप इस तरह की और कहानियां जानना चाहते हैं, तो विश्वसनीय समाचार स्रोतों जैसे AajTak या India Today की वेबसाइट्स पर नजर रखें।
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