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सोशल मीडिया पर जहर उगलने वाला साहिल खान गिरफ्तार, फेसबुक पर फैलाता था नफरत

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Dehradun News : आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है, जो समाज को जोड़ने के साथ-साथ कभी-कभी विवादों का कारण भी बन जाता है। देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां एक युवक ने फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की।

दून पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया, जिससे शहर की शांति और सौहार्द को बनाए रखने में एक बार फिर अपनी मुस्तैदी साबित की।

क्या था पूरा मामला?

दिनांक 26 अप्रैल 2025 को दीपनगर, बाईपास निवासी करण ने नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज की। करण ने बताया कि फेसबुक पर आचार्य राजेश बडोनी नामक आईडी से दून अस्पताल में एक अवैध मजार के ध्वस्तीकरण से संबंधित वीडियो और तस्वीरें साझा की गई थीं। इस पोस्ट को सौरभ ठाकुर नाम के एक उपयोगकर्ता ने शेयर किया।

इसी पोस्ट पर साहिल खान नाम की फेसबुक आईडी से धर्मपुर चौक के एक मंदिर और पहलगाम की एक घटना को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। इन टिप्पणियों का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को आहत करना और समाज में वैमनस्य फैलाना था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने शिकायत मिलते ही हेट स्पीच और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस ने फेसबुक आईडी साहिल खान के उपयोगकर्ता को चिह्नित किया और उसे हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम साहिल, पिता स्वर्गीय रियासत अली, उम्र 20 वर्ष, निवासी दीपनगर, शिव मंदिर के निकट, है। साहिल पेशे से ऑटो चालक है। पुलिस ने इस कार्रवाई से यह संदेश दिया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

यह घटना हमें सोशल मीडिया के उपयोग में सावधानी बरतने की आवश्यकता पर विचार करने के लिए मजबूर करती है। फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देते हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग समाज में तनाव और अशांति का कारण बन सकता है। देहरादून जैसे शांतिप्रिय शहर में ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द को चुनौती देती हैं। दून पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल अभियुक्त को सबक मिला, बल्कि समाज को भी यह संदेश गया कि कानून की नजर से कोई नहीं बच सकता।

दून पुलिस ने इस मामले में अपनी सक्रियता और प्रतिबद्धता दिखाई है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही, आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ सामग्री को शेयर करने से बचें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। यह सामूहिक जिम्मेदारी ही हमारे समाज को सुरक्षित और एकजुट रख सकती है।

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